ATM Cash Withdrawal Fees! अब ATM से कैश निकालना होगा महंगा… इंटरचेंज फीस बढ़ाने की तैयारी में RBI

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ATM Cash Withdrawal Fees! अब ATM से कैश निकालना होगा महंगा... इंटरचेंज फीस बढ़ाने की तैयारी में RBI
ATM Cash Withdrawal Fees! अब ATM से कैश निकालना होगा महंगा... इंटरचेंज फीस बढ़ाने की तैयारी में RBI

ATM Cash Withdrawal: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) मुफ्त पांच लेनदेन की लिमिट से अधिक पर लगने वाले शुल्क और एटीएम इंटरचेंज फीस को बढ़ाने की तैयारी में है. एक न्यूज पोर्टल की रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई.

ATM Cash Withdrawal: एटीएम से कैश निकालना अब महंगा हो जाएगा क्योंकि भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) मुफ्त पांच लेनदेन की लिमिट से अधिक पर लगने वाले शुल्क और एटीएम इंटरचेंज फीस को बढ़ाने की तैयारी में है. हिंदू बिजनेसलाइन की रिपोर्ट में मंगलवार को इसकी जानकारी दी गई. यानी कि अब कस्टमर्स को एटीएम से कैश निकालने के लिए अपनी जेब से अधिक खर्च करने होंगे.

कितना बढ़ जाएगा चार्ज?
प्रस्तावित शुल्क वृद्धि कितनी है? इस पर न्यूज पोर्टल ने अपनी रिपोर्ट में मामले की जानकारी रखने वाले लोगों के हवाले से बताया, भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (एनपीसीआई) ने पांच बार फ्री लिमिट पूरी होने के बाद अधिकतम नकद लेनदेन शुल्क को वर्तमान स्तर 21 रुपये से बढ़ाकर 22 करने की सिफारिश की है.

भुगतान नियामक एनपीसीआई ने इंडस्ट्री के साथ इसे लेकर बातचीत करने के बाद नकद लेनदेन के लिए एटीएम इंटरचेंज फीस को 17 रुपये से बढ़ाकर 19 रुपये करने की भी सिफारिश की है.

बता दें कि इंटरचेंज फी दूसरे बैंक के एटीएम से एक सीमा के बाद निकासी पर लगाया जाता है. यानी कि यह एटीएम सर्विस इस्तेमाल करने के बदले एक बैंक की तरफ से दूसरे बैंक को दी जाने राशि है. एटीएम से ट्रांजैक्शन के बाद बिल पर भी इसका जिक्र किया जाता है.

RBI ने की इस पर मीटिंग
रिपोर्ट के मुताबिक, बैंक और व्हाइट-लेबल एटीएम ऑपरेटर मेट्रो और नॉन-मेट्रो इलाकों में फीस बढ़ाने की एनपीसीआई की योजना से सहमत हैं. हालांकि, भारतीय रिजर्व बैंक और एनपीसीआई ने इस घटनाक्रम पर अभी तक कोई टिप्पणी नहीं की है.

न्यूज पोर्टल की रिपोर्ट में मामले की जानकारी रखने वाले एक व्यक्ति के हवाले से लिखा गया, ”आरबीआई ने आईबीए के सीईओ की अध्यक्षता में एक दूसरी समिति बनाई, जिसमें एसबीआई और एचडीएफसी बैंक के अधिकारी शामिल थे.”

उन्होंने आगे कहा, ”इसमें निजी और सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के लिए लागत का आकलन करने के बाद, हमने पिछले साल सितंबर में इसके लिए सिफारिश की थी. हमने कहा कि एनपीसीआई की सिफारिश को (मेट्रो सेक्टर्स के लिए) रखा जा सकता है, लेकिन असली मुद्दा ग्रामीण और अर्ध-शहरी क्षेत्रों में है.”

एटीएम चलाने का बढ़ रहा खर्चा
रिपोर्ट के मुताबिक, बढ़ती महंगाई और पिछले दो सालों में 1.5-2 परसेंट की दर से बढ़ते उधार लागत, ट्रांसपोर्टेशन पर अधिक खर्च, नकदी पुनःपूर्ति और अनुपालन लागत के कारण नॉन-मेट्रो जगहों में एटीएम ऑपरेशन का खर्चा बढ़ गया है.

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